Farida

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मां और बच्चा

माँ और बच्चा 

 
 खुले दिल, खुले विचारों के विदेश से लौटे डॉक्टर पार्थासारथि विवाह को महज सामाजिक औपचारिकता मानते थे जो उनके लिए निहायत ही गैरजरूरी बात थी।
ऐसा ही सोचती थी, देश की टॉप मॉडल्स में से एक मिस रिया राजन। दोनों के मन मिले और वो एक साथ एक ही फ्लैट में देह और मन की दूरियाँ तय कर रहने लगे।
रिया न चाहते हुए भी प्रेगनेंट हो गई। गर्भपात के प्रयास में ली हुई सभी गोलियाँ बेअसर ही रहीं। गोलियों की मार से जन्मा बच्चा एबनॉर्मल था कटे-मुड़े कान, अष्टावक्र सी टाँगे-बाँहें !
‘‘मेरे साथ अमेरिका चलना है तो इससे छुटकारा पाना होगा।’’ डॉक्टर ने दो टूक फैसला सुनाया।
‘‘क्या ? ’’ रिया की आँखें भय से विस्फारित थी। तुऽम इसे मार डालना चाहते हो !
इसी की बेहतरी के लिए कह रहा हूँ, ऐसे आधा अधूरा जीवन लेकर ये क्या करेगा।
नहीं मैं तुम्हें इसे मारने नहीं दूंगी, ये मेरा बच्चा है, इसने मेरी कोख से जन्म लिया है।’’ रिया का मातृत्व जाग उठा था।
सोच लो ! फिर तुम मेरे साथ अमेरिका नहीं जा पाओगी। एक तरफ तुम्हारा कैरियर, सक्सेस तुम्हारी महत्त्वाकांक्षाएँ है। दूसरी तरफ यह लिजलिजा मांस-पिंड।’’
‘‘छि: तुम एक इंसान हो ? मुझे शर्म आ रही है, अपने पर। घिन आ रही है इस बदन से, जिसे तुमने छुआ। तुम्हें मुबारक तुम्हारा कैरियर, सक्सेस, महत्त्वाकांक्षाएँ। जैसा भी है मुझे मेरा बच्चा जान से ज्यादा प्यारा है।

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